Cyber Crime in Dehradun: डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर असिस्टेंट प्रोफेसर से 19 लाख की ठगी

तकनीक के इस युग में जहां डिजिटल इंडिया की बात हो रही है, वहीं साइबर ठगों ने अब ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा नया हथकंडा अपनाकर लोगों को लूटना शुरू कर दिया है। ताजा मामला देहरादून का है, जहां एक निजी विश्वविद्यालय की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रिया कुमारी सिंह को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर धमकाया गया और उनसे करीब 19 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।

 फर्जी पुलिस बनकर किया ‘डिजिटल अरेस्ट’

जनवरी 2025 के अंत में डॉ. प्रिया को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल अपराध में हुआ है – किसी महिला को ब्लैकमेल करने के लिए सिम कार्ड लेने में। शुरुआत में डॉ. प्रिया को शक हुआ, लेकिन लगातार कॉल और धमकियों से वो डर गईं।

इसके बाद ठगों ने वीडियो कॉल कर उन्हें डीबी स्टॉक केस में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने फर्जी दस्तावेज दिखाए और कहा कि उनके नाम पर बैंक खाता खुला है जिससे अवैध ट्रांजैक्शन हुआ है। डर के चलते डॉ. प्रिया ने उनकी बात मान ली।

 3 महीने तक डिजिटल बंधक बनीं रही

ठगों ने उन्हें बताया कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है और हर दो घंटे में अपनी लोकेशन और गतिविधि की रिपोर्ट देनी होगी। एक महिला, जो खुद को पुलिस अधिकारी बताती थी, लगातार वीडियो कॉल पर दबाव बनाती रही। इस पूरे समय में पीड़िता किसी से कुछ कह नहीं सकीं क्योंकि ठगों ने डराया कि यदि उन्होंने किसी को बताया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

 पुलिस ने दर्ज किया केस

कैंट कोतवाली इंस्पेक्टर केसी भट्ट ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह मामला साइबर क्राइम की गंभीरता को दर्शाता है, जिसमें शिक्षित और जागरूक लोग भी शिकार हो सकते हैं।

अन्य साइबर ठगी के मामले:

 शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 8.31 लाख की ठगी

एमडीडीए कॉलोनी निवासी रविंद्र सिंह बुमराह को साइबर ठगों ने शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 8.31 लाख रुपये ठग लिए। शिकायत पर पटेलनगर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है।

 जमीन की डील में 4.56 लाख की धोखाधड़ी

मोनू कुमार, निवासी विंडसर कोर्ट, सहस्त्रधारा रोड ने 83 गज जमीन के सौदे के लिए फिरोज अली को अग्रिम रूप से 4.56 लाख रुपये दिए, लेकिन फिरोज अली ने जमीन देने से इनकार कर टालमटोल शुरू कर दी। रायपुर थाना में केस दर्ज किया गया है।

Dehradun में बढ़ते Cyber Crime के ये ताज़ा मामले डिजिटल सतर्कता की जरूरत को दर्शाते हैं। आम नागरिकों को चाहिए कि फर्जी कॉल या वीडियो कॉल से सतर्क रहें, बिना पुष्टि के किसी पर विश्वास न करें, और साइबर हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज करें।